तू क्यों रोता है ?
तू क्यों रोता है ?
तू क्यों रोता है ?
क्या लेकर आया था ,
क्या लेकर जायेगा I
मुठ्ठी बाँधे आया था ,
हाथ पसारे जायेगा I
क्या तेरा था जो खो गया ,
कल जो तेरा था ,
आज किसी और का हो गया I
ज़िन्दगी की कश्ती में सवार होजा ,
दरियाये तुफान से टकरा I
देख कर ले तू अपनी आजमाइश ,
फिर मिले न मिले मौका दोबारा I
तू गर गिरा है तो उठ फिर से ,
हिम्मत की डोर थाम फिर से I
गिरना ,उठना और संभलना ,
जीतने की राह पर चल फिर से I
जो रोता है वो खोता है ,
जो अनवरत चले वो जीतता है I
एक ही जीवन और मिट्टी की काया ,
हर कोई अपने अहम में भरमाया I
कर्म ही तेरा मीत है ,
वही तेरी जीत है I
झूठे अहम का छोड़ लबादा ,
अपनी हस्ती बना कुछ ऐसी I
सूरज चाँद की हस्ती ,
तेरे आगे लगे सस्ती I
छोड़ जा अपने निशां ,
सदियों तक न आये तुझ सा I
पत्थर पर नाम की तेरे खींचे लकीर ,
काम कुछ तू कर जा ऐसा I