तुम्हें हमारी शुभ आशीष
तुम्हें हमारी शुभ आशीष
सुख-समृद्धि भरा दाम्पत्य जीवन हो सदा ,
कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा।
तन भले दो हों मगर तुम दोनों एक जान हो,
इक- दूजे के लिए प्रभु का अमोल वरदान हो।
हो जिन कुलों से जुड़े उन सभी की ही शान हो,
पूरक हो इक -दूजे के और सच में अभिमान हो।
हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा,
कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा।
उल्लास- उमंगों से भरा तुम्हारा संसार हो ,
अनुकरण के लायक जगत में तव प्यार हो।
नित नए रूप में ही इसका तो विस्तार हो ,
सद-प्रयासों से तुम्हारे जग का उपकार हो।
जीवन के हर पल में तुम्हारे बहार ही हो सदा,
कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा।
सुख-समृद्धि भरा दाम्पत्य जीवन हो सदा,
कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा।