तुम्हारी आवाज में
तुम्हारी आवाज में
तुम्हारे होने के किस्से
से तो रौशन है
पृथ्वी पर मनुष्य की सभ्यता
और उसकी सम्प्रभुता
प्रेम, त्याग, समर्पण
जीवन की ऊर्जा का सदुपयोग।
सदियों से अब तक
हाँ तुम आज भी मेरे लिये
एक आवाज हो भारत
एक उम्मीद हो
एक भविष्य हो
इस बेचैन और जख्मी दुनिया की
एक सरल सी दवा
जैसे निर्मित हो रहा अतीत
वर्तमान में
आधुनिकता ढल रही है
अतीत में लग रहा है
इससे आधुनिक कुछ मुमकिन नहीं है
सचमुच भविष्य सिमट आया है
वर्तमान में तुम्हारी आवाज में।
