तुम्हारे साथ
तुम्हारे साथ
तुम्हारे साथ ज़िंदगी हर मोड़ पर
एक आश्चर्य है
हर पल एक नयापन
हर पल एक नया जोखिम
हर पल एक नया साहस
हर रोज़ एक नया एहसास
हर रोज़ एक नयी सोच
कभी खुद के कभी तुम्हारे बारे में
हर रोज़ एक नयी खोज
कभी अपने रिश्ते कभी इस प्रकृति के बारे में
जैसे उस रात जब मैंने तुम्हें वो चाँद दिखाया
पहली बार चाँद के चारों तरफ़ वो इंद्रधनुषी चक्र था
उस रात चाँद ने भी पहने थे रंग कई
और कुछ लोग कहते हैं की उन्हें चाँद इसलिए पसंद है
क्यूँकि चाँद अपने दाग खुल के दिखाता है
उन्हें रंगों में नहीं छुपाता
जब तुम उस रात चाँद को देख कर
एक छोटे बच्चे की तरह इतने ख़ुश हुए थे
तो मुझे तुम से फिर से प्यार हो गया था
एक नया सा प्यार
पहले वाले से थोड़ा सा और मीठा
थोड़ा सा और गहरा
मुझे इसलिए तुमसे इतनी मोहब्बत है
क्यूँकि तुम्हारे साथ ज़िंदगी हर मोड़ पर
एक आश्चर्य है.