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Pawanesh Thakurathi

Romance

3  

Pawanesh Thakurathi

Romance

तुम्हारे प्रेम में

तुम्हारे प्रेम में

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समुद्र में जैसे

उठती है लहर

वैसे ही मेरे मन में 

तुम्हारे लिए

उठती है चाह।


पल-पल प्रतिपल

तुम तक पहुंचने की

इस चौराहे से निकलती हैं

कई राह।


तुम्हारी अनुपस्थिति में

गूंजती हैं

अनवरत सिसकियां

अनगिनत आह।


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