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Anuradha Shrivastava

Abstract Romance Classics

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Anuradha Shrivastava

Abstract Romance Classics

तुम सा

तुम सा

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फूल तो कई होते हैं

 पर गुलाब की अपनी पहचान होती है


एक हो या हजारों में हो गुलाब

हर एक की अपनी कहानी होती है


ख्वाबों में तो कहीं किताबों में मिलता गुलाब

बीते लम्हों की निशानी होती है


सूखकर भी महकता गुलाब बिखर कर भी सजता 

हर रुप में उसकी सुंदरता झलकती है 


प्रेम की कहानी लिखता गुलाब

 बिन गुलाब बात अधूरी लगती है


खिलता बिखरता हर मौसम 

गुलाब तुम सा मेरा जीवन।


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