तुम प्रेम कर सकते हो
तुम प्रेम कर सकते हो
तुम प्रेम कर सकते हो,
बता नही रहा पूछ रहा हूँ
प्रेम की बड़ी-बड़ी बातें करते हो,
दूसरों मे सारी खूबियाँ चाहते हो,
किंतु स्वम वे बनना नहीं चाहते जो
तुम दूसरों से चाहते हो,
और कहते हो तुम प्रेम कर सकते हो !
सच की बुनियाद से रिश्तों का
आशियाना चाहते हो,
झूठ के जीवन से बार-बार उसी
आशियाने को बिखेर जाते हो,
और कहते हो तुम प्रेम कर सकते हो!
शक करके प्रेम जताते हो,
भरोसा करके ईर्ष्या कर जाते हो,
वचन करके भूल जाते हो,
और कहते हो तुम प्रेम कर सकते हो !
जिसे तुम कहते हो अनुभूती सुहानी,
तुम्हारा प्रेम है सिर्फ जिस्मानी,
राधा-कृष्णा सी मोहब्बत की है कभी रूहानी ?
और कहते हो तुम प्रेम कर सकते हो !
प्रेम जताने के पश्चात सदा ख़ामियाँ जताते हो,
एक-दूसरे को खुश रखेंगे कहकर
खुद को पीड़ा पहुँचाते हो,
साथ जीना तो दूर सदा जीवन में पछताते हो,
साथ दुविधा सुलझाना तो दूर
एक-दूसरे का साथ छोड़ जाते हो,
और कहते हो तुम प्रेम कर सकते हो !