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Aditya Narayan Singh

Tragedy Romance

4.3  

Aditya Narayan Singh

Tragedy Romance

तुम नहीं हो

तुम नहीं हो

2 mins
253


उस लम्हे का मुझे बेसब्री से इंतजार है,

जब यह जमीन पूरे आसमा को

अपने आगोश मे ले लेगी ,

और मुझे तेरे पास होने का एहसास दिलाएगी ,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।

इंतजार में तेरे मेरा बुढ़ापा भी आयेगा ,

मुझे कमज़ोर और मशरूफ बना देगा.

मैं सहारो की तलब में सदा दूंगा ,

बच्चे हाथ पकड़कर चलाएंगे,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।

मेरी मंजिल भी तुम थीऔर मुकद्दर भी तुम हो,

रातें आएंगी और गुजर जाएंगी.

तेरे वादे , शर्ते,और मुस्कुराहटों का याद दिलाएंगे ,

मैं अचानक से उठकर बैठ जाऊंगा

और दरवाजे की तरफ बड़ी उम्मीद से देखूंगा,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।

मेरी नजर कमजोर हो चुकी होगी फिर भी,

बहुत दूर तक दिखाई देगी राह तुम तक जाने वाली ,

मेरे पैर तुम तक पहुंच नहीं पाएंगे लड़खड़ाएंगे और फिर,

नए जोश से संभालने की कोशिश करेंगे,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो I

हमारे बचपन और जवानी की तस्वीर

सामने वाली दीवार पर टंगी होगी ,

पानी की बौछारों के साथ बादल भी गरजेंगे ,

और मैं एक कोने में टूटी कुर्सी पर बैठकर

उस तख्ती को निहारूगां जिस पर तुमने प्यार लिखा था ,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।

फिर सर्द हवा मेरे रूह से होकर गुजरेगी,

और मेरा रोम रोम कांप उठेगा ,

तस्वीर गिर कर टूट जाएगी और मुझे

तुम से दूर होने का एहसास दिलाएगी ,

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।

पर मुझे पता होगा तुम नहीं हो ।



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