तुम मेरी राह सजाना
तुम मेरी राह सजाना
आने वाला पल तो है बस सपना एक सुहाना
क्यों सोचूँ मंज़िल कैसी हो, तुम मेरी राह सजाना
हर सीढ़ी हम तुम साथ चढ़ें, तुम साथी मुझे बनाना
फूलों की जब बेला हो, तुम साथ मेरे मुस्काना
मेरे जीवन हर्ष गीत की सरगम तुम्हीं सजाना
क्यों सोचूँ मंज़िल कैसी हो, तुम मेरी राह सजाना
कठिन समय जब पथ में आए, हिम्मत तुम्हीं दिलाना
तमस क्षणों में धैर्य की पावन ज्योति तुम्हीं जलाना
हाथ पकड़ के रखना मेरा, मेरा साथ निभाना
क्यों सोचूँ मंज़िल कैसी हो, तुम मेरी राह सजाना
धूप-छांव और भोर-निशा तो हर जीवन का किस्सा हैं
खट्टे मीठे सारे अनुभव इस जीवन का हिस्सा हैं
हर अनुभव में साथ में रहना, उसका स्वाद बढ़ाना
क्यों सोचूँ मंज़िल कैसी हो, तुम मेरी राह सजाना