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Vishnuuu X

Romance

3.9  

Vishnuuu X

Romance

तुम लाना...

तुम लाना...

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"हाँ, मुझे दहेज चाहिए...

तुम लाना...

3-4 सूटकेस,जिसमें भरे हों,

तुम्हारे बचपन के खिलौने,

बचपन के कपड़े,

बचपने की यादें,

क्योंकि मुझे तुम्हें जानना है,

बहुत प्रारंभ से।


तुम लाना...

श्रृंगार के डिब्बे में बंद कर,

अपनी स्वर्ण जैसी आभा,

अपनी चांदी जैसी मुस्कुराहट,

अपनी हीरे जैसी दृढ़ता।


तुम लाना...

अपने साथ, छोटे-बड़े कई डिब्बे,

जिसमें बंद हों,

तुम्हारी नादानियां,

तुम्हारी खामियां,

तुम्हारा चुलबुलापन,

तुम्हारा बेबाकपन,

तुम्हारा अल्हड़पन।


तुम लाना...

एक बहुत बड़ा बक्सा,

जिसमें भरी हों

तुम्हारी खुशियां,

साथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्सा,

जिसमें तुमने छुपा रखे हैं,

अपने दुःख,

अपने सपने,

अपना डर,

अपने सारे राज़,

अब से सब के सब मेरे होंगे।


मत भूलना लाना,

वो सारे बंद लिफ़ाफे,

जिसमें बंद हैं,

स्मृतियां,

जिसे दिया है,

तुम्हारी माँ और बाबूजी ने,

भाई-बहनों नेज़

सखी-सहेलियों ने,

कुछ रिश्तेदारों ने।


ना लाना

टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन

लेकिन लाना तुम...

किस्से,

कहानियां

और कहावतें अपने शहर की।


कार, मोटरसाइकिल हम खुद खरीदेंगे

तुम लाना...

अपने तितली वाले पंख

जिसे लगा,

उड़ जाएंगे अपने सपनों के आसमान में।


मुझे दहेज में चाहिए,

तुम्हारा पूरा प्यार,

पूरा खालीपन,

तुम्हारे आत्मा के वसीयत का पूरा हिस्सा,

सिर्फ इस जन्म के लिए नहीं 

हर जन्म के लिए,

जन्म-जन्म के लिए ।"


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