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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Abstract Romance Others

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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Abstract Romance Others

तुम कहीं कुछ तो हो..

तुम कहीं कुछ तो हो..

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माना..

नहीं हो "यथार्थ" तुम

पर,

"सच" होते हुए यथार्थ में

कहीं तो हो..हो न !!


माना..

नहीं हो प्रेम तुम ,

पर,

अंतस के एहसास में

कहीं तो हो..हो न !!


माना..

स्वतंत्र हो..हर संबंध से

पर,

खत्म होते हुए संबंधों में

"कुछ" तो हो..हो न !!



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