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baljeet kaur "sabre"

Romance Fantasy Others

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baljeet kaur "sabre"

Romance Fantasy Others

तुम जीवन में आए

तुम जीवन में आए

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तपती दोपहरी के बाद

जैसे बरसती भीगी शाम

आकर मृदु स्पंदन

वही हां वैसे ही तुम मेरे

सूने से जीवन में आए

चातक की पुकारें सुन

जैसे सावन रिमझिम बरस जाए

बरखा की बूंदों को नयनों से

चूम-चूम मन की अगन बुझाए

वही हां वैसे ही तुम मेरे

सूने से जीवन में आए

देख प्रीत में तकती विरहन

की दशा घबराकर जैसे

पतझड़ झट बीत जाए

आए मधुमास फूल खिल जाएं

मादकती बयार लहराए

वही हां वैसे ही तुम मेरे

सूने से जीवन में आए

कोरी काली अंधियारी रातें

फिरती थीं अकेली

हृदय पर घात लगाए

चमक उठे आकर चंदा

जब गगन में सितारों संग मुस्काए

वही हां वैसे ही तुम मेरे

सूने से जीवन में आए।



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