तुम देना मेरा साथ प्रिय
तुम देना मेरा साथ प्रिय


आज हम तुम बंधे हैं एक रिश्ते से
परंतु इसे बंधन ना समझना प्रिय
साथ चलने का नाम ही जीवन है
तुम बस मेरे साथ चलते रहना प्रिय।
जीवन है सरल गर हम उसे समझें
तुम बस मुझे यह समझाते रहना प्रिय
विवाह है एक पावन यात्रा
तुम मेरे सारथी बने रहना प्रिय।
मन जो मेरा कभी भटक जाये
तो मुझे सही रास्ता तुम दिखा देना प्रिय
परंतु छोडना ना कभी मेरा साथ
क्यूंकी मन भी तो तुम्हारा ही है प्रिय।
गलतियाँ तो मुझसे हो जाया करेंगी
गलतियों पर मुझको संभालना प्रिय
थोड़ा तुम समझना थोड़ा मैं समझूँगा
चाहो तो झगड़ भी लेना मुझसे प्रिय।
परंतु जीवन के इस सफर में
मुझे कभी अकेला न छोड़ देना प्रिय
तुमसे दूर हो कर भी जीवित तो मैं रह लूँगा
परंतु वो जीवन जीवन ही नहीं रहेगा प्रिय।