लगता है वो मुझको चाहती बहुत है
लगता है वो मुझको चाहती बहुत है
वो आँखों से आँखें मिलाती बहुत है।
वो मुझे देख कर मुस्कराती बहुत है।।
वो बेपरवाह, मेरी खूब परवाह करती है,
लगता है वो मुझको चाहती बहुत है ।।
उन्हें उल्हाना है कि, हम याद नही करते,
पर याद उनकी हर पल, सताती बहुत है।।
उसकी सब सखियाँ जानती है मुझको,
वो मेरे बारे में उनको बताती बहुत है ।।
वो कहती है, मेरी तश्वीरे लॉक में रखना,
वो जमाने से मोहब्बत छुपाती बहुत है।।
जब मैं उससे मिलकर लौटने लगता हूँ,
वो रुकने को मुझको, मनाती बहुत है।।
उसने साँसों पे लिखा है, नाम सनी शायद,
तभी आजकल हिचकियाँ आती बहुत है।।

