मेरी झोपड़ी
मेरी झोपड़ी
मेरी छोटी सी झोपड़ी सिर्फ मेरा ही आशियाना नही,
पता नही कितने जीव बसते है इसमें,
इसके एक कोने के दो बिलो में रहते हैं कुछ चूहे
मेरी झोपड़ी के बाते मे रहती है कई चिड़ियाँ,
दूसरे कौने में बसेरा हैं कई चिटियों का
और झोपड़ी के एक मोखे में रहती है।
एक बिल्ली और उसके नन्हे बच्चे,
उसी झोपड़ी में मेरे खाने के बर्तन,
पुराने कपड़े, मेरी कंबल,
मेरी टूटी खाट,
और पीपे में कुछ चावल के दाने,
और थोड़ा धान पड़ा है।
जो पर्याप्त है मेरे और मेरे मुंडेर पर आये,
पक्षियों के लिए
बाहर आंगन में है एक नीम का वृक्ष,
जो मेरी झोपड़ी से भी बड़ा लगता है।
हर पक्षी को रखता है बड़े ही प्यार से,
बिना किसी भेदभाव के साथ,
उसके एक डाल पर रहता है एक कोवाँ,
और दूसरे पर कोयल और कुछ तोते,
वो भी बिना झगड़ा किये,
मेरी झोपड़ी के पास के बगीचे में है
कई तरह के फूल फल और
तरह-तरह की तितलियाँ और भँवरे,
मैं रोज किसी अलार्म से नही जगता
मुझे जगाती हैं रोज पुरवाई से आयी
फूलो की खुश्बु, भंवरो का गुंजन,
पक्षियो की चहचाहट
और पेड़ो की सनसनाहट।
