तुझसे मिलना
तुझसे मिलना
तेरी बूंदों को मैं छू सकता
तुझे बरसाने वाले बादलों को मैं देख सकता।
वो दौड़ते बादल, आसमान को घेर रहे
और तेरे मेरे मिलन को आज मुमकिन कर रहे।
साथ ठंडी हवाएं भी दे रही
मेरी खुशी मे पेड़ों को नचा रही।
तेरी आवाज भी अब बढ़ रही है
शायद मुझसे किया वादा याद दिला रही है।