तुझे नहीं चाहा इसलिए
तुझे नहीं चाहा इसलिए
मैंने सब शोहरत उसके नाम कर दी
जो मुझे खूब चाहा
तुझे नहीं चाहा इसलिए
मैं तुझसे प्यार नहीं किया
और उसे वक्त दिया
तुझे दिल दिया,
वो धड़कन ले गए
तुझे नहीं चाहा इसलिए!
वो सबकुछ थे,
तू कुछ भी नहीं
ये तो मैं कभी कहा नहीं
उनसे मिलते थे, तुझसे नहीं
तुझे नहीं चाहा इसलिए!
मैं उनकी यादों में गड़े थे
क्या मैं उनके पीछे पड़े थे
जो वो मुझे बुला रहे थे
मैं तेरे कहने पे आते नहीं
तुझे नहीं चाहा इसलिए!
मैं उनसे हँसते थे कभी- कभी
मैं तुझसे हँसा नहीं कभी भी
वो बुलाते थे, मैं जाते थे
तेरे पास जाने का मुझे मौका नहीं
तुझे नहीं चाहा इसलिए!
क्या वो सोना तू केवल बाज़ार थे
तू प्रपोज वो केवल प्यार थे
उनके लिए इशारे
आँखों से बातें
तेरे लिए मेरी आँखें पत्थर थी
तुझे नहीं चाहा इसलिए!
या इसलिए तुझे नफ़रत और उसे प्यार किया
या इसलिए तुझे वक्त और उसे इंतजार दिया
या इसलिए तुझे देखा और उसे चश्मा किया
या इसलिए तुझे इतवार और उसे एतबार किया।