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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

तुझे जब देखा।

तुझे जब देखा।

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लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था, 

दिल भी बाग-बाग बावला हो गया था।

 

लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था, 

मेरा जीवन पतझड़ सा बसंत हुआ था। 


लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था, 

अँधेरा छट गया और उजाला हुआ था। 


लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था, 

मरने वाले को न जीवन नया मिला था। 


लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था, 

बंजर ज़मीन को खाद पानी मिला था।


लम्बे अरसे के बाद तुझे जब देखा था,

कुछ पल वो सुंदर स्वप्न सलोना ही था।


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