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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

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Dheeraj kumar shukla darsh

Tragedy

टूटा दिल

टूटा दिल

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हमनें तो उन्हें, माना था जिंदगी

हमें क्या पता था, मिलेगी मौत भी


महोब्बत की राहों में, बिछा दिया था खुद को

हमें क्या पता था, वो हमें छोड़ देगी


कसूरवार थे हम, जो दिल से चाहा था

स्वार्थी न होकर, प्यार किया था हमनें


हमें क्या पता था, थामा था हाथ जिसने

साथ देने के लिए, जिंदगी भर का

वो हाथ हमारे, मझधार में छोड़ देगी।


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