टिमटिमाते सपने
टिमटिमाते सपने
जो जगा जाते बुझे मन में
एक उम्मीद की किरण,
जो लड़ना सिखा देते
मस्तिष्क में उद्वेलित तमाम
उलझनों से प्रति क्षण
जो बना देते खुद पर
जीतने का अटल विश्वास
वो हैं मेरे अपने
टिमटिमाते सपने।
जो मूढ़ को विद्वान
बनने की राह दिखाते
जो टूटे हुए मन में
जुड़ने की आस जगाते
जो बिखरी हुए ज़िन्दगी को
निखरने की दिशा बताते
जो निर्बल से सबल बन जाने की
चाह बनाते
वो हैं मेरे अपने
टिमटिमाते सपने।
जो चीर के आसमां
दिखा जाते
बन के फौलाद
बता जाते,
नहीं कोई काम
मुश्किल इस धरा पर,
बुझी मशालों को
जला जाते
वो हैं मेरे अपने
टिमटिमाते सपने।
जो नैतिकता का
पाठ पढ़ाते
कर्मो में जो भेद बताते
उदासीन चेहरे पर जो
खुशहाली की लौ जलाते
जो सकारात्मक ऊर्जा के साथ
हमें उज्ज्वल भविष्य की
ओर ले जाते
वो हैं मेरे अपने
टिमटिमाते सपने।