तरस गए हैं नैना
तरस गए हैं नैना
तरस गए हैं नैना देखने को एक झलक,
याद में अपनी संतान की भीग जाती हैं पलक।
होना चाहती है रूबरू अपने जिगर के टुकडे से,
पाना चाहती सुकून लगाकर गले दिल के सितारे को।
देश की रक्षा करने देश की सीमा पर हुआ तैनात,
तरस गए हैं मिलने को राह तक रहे दिन-रात।
