STORYMIRROR

Yogeshwar Dayal Mathur

Romance

3  

Yogeshwar Dayal Mathur

Romance

तोहफ़ा

तोहफ़ा

1 min
207


न थी उम्मीद उनसे 

महफिल में शिरकत की 

वो ख़फ़ा थे हमसे 

बेख़बर थे हम वज़ह से 

बुलाया था उनको हमने 

दिल की गहराईयों से 

इनायत थी उनकी हम पर 

रूबरू हुए जलसे में 

इन्तेहा खुशी थी दिल में 

इस ख़ूबसूरत जज़्बे से 

था ये अनमोल तोहफ़ा 

ख्वाहिश की एवज़ में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance