दीपावली
दीपावली
जलाये थे दीये
दीपावली के पर्व पर
अलौकिक था प्रकाश दीयों का
प्रज्वलित थे पवित्र भावनाओं से
कुछ दीये अनुष्ठान के थे
कुछ दीये प्रतिष्ठान के थे
कुछ दीये आस्था के थे
कुछ दीये प्रथा के थे
कुछ जलते रहे रात भर
कुछ बुझ गये सहर से पहले
न हुए भ्रमित बुझे दीयों के
अंधकार से
उजागर रही श्रद्धा जलते दीयों के प्रकाश से।
जलाएं दीये दीवाली के पर्व पर
भरी रहे झोली महालक्ष्मी के वरदान से।