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ritesh deo

Abstract Inspirational

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ritesh deo

Abstract Inspirational

तकदीर

तकदीर

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अखबार नहीं है जिंदगी, जो बाजार में बिकते दिखता है

इंसान अपनी तकदीर, खुद अपने हाथ से लिखता है।


उस वक्त की अहमियत ही क्या जो तेरे काम न आये

उस जुनून की जरूरत ही क्या जो दिखने में न आये।


अपने सपनों की मंजिल को हर हाल में पाना ही होगा

कर्तव्य पथ पर फौलादी इरादों से बढ़ते जाना ही होगा।


संकल्प किया जाता है जब तो उसे फिर तोड़ा नहीं जाता

मुश्किलों से डर कर काम कोई बीच में छोड़ा नहीं जाता।


दिक्कतों का क्या है, वह तो अक्सर आती जाती रहती हैं

जीवन नदी की अविरल धारा है जो हरदम आगे बहती है।


कोई अवसर न जाने देना, प्रगति पथ पर अग्रसर रहना

न अपने को शीतल रखना, कदम हमेशा आगे रखना।


बहती धारा के साथ जो आये, वह सब कुछ बहता है

रूकावटें रोक न पायेंगी, गति का नियम ये कहता है।


जीवन चलने का नाम, कदम बढ़ाकर चलते जाना होगा

कामयाबी के लिए अपने प्रयास को सफल बनाना होगा।


सकारात्मक उम्मीद ही, आशा की प्रज्वलित ज्योति है

नकारात्मक प्रवृति की राह, कभी उज्ज्वल नहीं होती है।


चरित्र पर फोकस रखना, पुष्प जैसे प्रफुल्लित हो खिलते दिखता है

फूलों सा महकना, मोर जैसे पंख फैला सावन में नाचते दिखता है।


अखबार नहीं है जिंदगी, जो बाजार में बिकते दिखता है

इंसान अपनी तकदीर, खुद अपने हाथ से लिखता है


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