तितली
तितली
रगों के देश से
एक परी आई है
संग अपने ढेरों खुशियाँ लाईं है
देख उसके रंग बिरंगी पंखुडियो
को मन में नई जिज्ञासा लाई है
फूलों मे बसती दुनिया उसकी
फिर भी लगती वो आज मुरझाई है
ना जाने कौन था वो जो
भाया ना मन को उसके
तोड एक फूल गया वो
पर हर एक साँस तोड गया वो
मंद मंद मुसकुराती वो
मंद हवाओं जैसी चलती वो
देख ये रूप उसका
आँखे मेरी चमक जाती है
ना जाने कौन सी परी है वो
तितली बन उड जाती है
ना उसकी कोई दुनियादारी
ना उसकी कोई रिश्तेदारी
मदं मदं यु फूलो से बतयाती हो
हमको दूर से ललचाती हो
रखना तुम्हें अपने पास चाहु
तो फूर से उड जाती हो
रंगों के देश से एक
आई परी तितली बनकर
उड़ जाती।