गुस्ताखी को क्या नाम दूँ
गुस्ताखी को क्या नाम दूँ
तेरी इस गुस्ताखी को क्या नाम दूं
तेरी इस गुस्ताखी को क्या नाम दूं
तुझे वफ़ा की मूरत या मुझे
धोखेबाज़ का खिताब मिला
तुझसे मोहब्बत करने का ये सिला मिलेगा
मुझे पता न था
एक दिन इन चार दीवारों से इस
तरह मोहब्बत हो जाएगी कभी सोचा न था।