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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

तिरिया बिन नर।

तिरिया बिन नर।

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यारों तिरिया बिन तो नर है, 

ऐसा राह बटोही होवे जैसा। 


नारी बिन नर की दशा वैसे, 

राह चलते बटोही होवे जैसे। 


जहां जब जो भी मिल गया, 

खा पीकर लेकर चल दिया। 


ये प्रकृति का नियम अटूट है, 

नर-नारी दोनों संबंध ज़रूरी। 


नर-नारी एक-दूजे के लिए ही, 

बने और एक के बिन दूजे का। 


कोई भी अस्तित्व बिल्कुल ना, 

दोनों एक दूसरे के लिए है बने।


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