राह अस्तित्व बटोही यारों हिंदी कविता शहीदअमृता देवी बिश्नोई सिर छांटें रूख़ रहे तो भी सस्त रजपुुुतीआण टुट गई तिरिया परवार आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता रजपुुुती रण रीआण टुट गई निहत्थे तिरिया पर तलवार चलाय द

Hindi तिरिया Poems