थकान
थकान
आँगन की तुलसी
अभी भी वैसी ही हरीभरी है
पर
अब घर थोड़ा फैला रहता है
बिस्तर पर बिछी चादर
भी तुसी मुड़ी रहती है
पर्दों की झालरें
मटमैली हो चली
ड्रेसिंग टेबल पर
क्रीम की जगह
दवाइयाँ सज गयीं
हर जन्म दिन पर
दवाई की शीशी एक
बढ़ जाती है
ड्रेसिंग टेबल का आईना
भी बूढ़ा हो चला
अब तो अपना अक्स
भी धुंधला दिखता है
लिपस्टिक और क्रीम
की जरूरत सिमट चली
बिन शीशा देखे ही
बाल बन जाते हैं
कदमों की तेजी
छोटे सधे कदमों में बदली
पाजेब की जगह
आयोडेक्स ने लेली
हाथों ने कंगन छोड़
एक छड़ी थाम ली
आंखों का सुरमा
चश्मों के पीछे छिप गया
कानों के बोझ कुछ बढ़ गये
झुमकों की जगह
चश्मों की कमानी
और हियरिंग एड चिपक गए
व्यवस्था बनाने की
हिम्मत टूट चली
थोड़ी थकान बढ़ चली।
