तेरी यादों की बारिश
तेरी यादों की बारिश
तेरी यादों की बारिश मुझे कुछ इस तरह
से भिगो रही हैं
जल रहा है मन और आँखें रो रही हैं
नही आता दिल को करार दूरी न सही जा रही है
जैसे आसमां में बदरी छाती
दुःख की चादर मुझे वैसे ही ढकती जा रही है
बादलों की गर्जन की तरह दिल ये करता शोर
अब ये दूरी सही न जा रही है
तेरी यादें मुझे इस कदर सता रही हैं
एक झलक पाने को ये अँखियाँ तरसी जा रही हैं
जिस तरह याद करती हूँ मैं तुम्हे
क्या तुम्हे मेरी याद नही आ रही है
इस बारिश हो गया धरती और आकाश का मिलन
कब होगी ये चाहत मेरी पूरी
तेरी जुदाई अब सही नहीं जा रही हैछ

