// तेरी याद में //
// तेरी याद में //
तेरी याद में गर मिट जाऊँ
मेरी अर्थी को सजा देना
हो जाए भस्म चिता मेरी
दीपक एक जला देना ।
मेरी दुनियाँ उजड़ी उजड़ी ,
गोरी तेरे ही एक प्यार में
बीती जवानी आया बुढ़ापा
एक तेरे ही इन्तजार में ।
कोई पूछे गर कैसे मरा
बहाना कोई बता देना
हो जाए भस्म चिता मेरी ,
दीपक एक जला देना ।
अबतक बीता मेरा जीवन
गोरी तेरी ही रुस्वाई में ।
अबतक जला जिंदा मै तो ,
गोरी तेरी ही बेवफाई में ।
अबतक होऊँ कहीं गर
मुझको तुम भुला देना
हो जाए भस्म चिता मेरी
दीपक एक जला देना ।