दोस्तों के साथ बिताए हुए पल
दोस्तों के साथ बिताए हुए पल
कब देखते देखने हमारी दोस्ती को इतने साल हो गए।
धीरे-धीरे देख अब तेरे सारे नखरे बवाल हो गए।
जब भी कोई बात उठे तो ऐसै ही फालतू बहस करते हम दौनों,
पता ही नहीं चला की बकवास बात के भी बाल के खाल हो गए।
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मजाक में चिढाने पे तेरा और भी ज्यादा चिढ़ना,
ऐसै ही जानबूझ के बिन बात के किसी से भी भिड़ना ।
हरकतों मे कही सै भी कम नहीं किसी छोटे-मोटे डॉन सै,
अब क्या गिनाऊ तेरे अतरंगी किस्से,
छोड़े है तूने ऐसै कौन से काम से,
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जो बोला वो दोस्ती के नाते ,
क्योंकि थोडी टांग खिंचाई भी तो जरूरी है ।
बिना मस्ती मजाक के "हमारी कहानी की, कविता भी तौ अधूरी है ।
जो भी कहा उसे हँस के मुस्करा के यूँही बस टाल देना ।
और एक एक्स्ट्रा का पैसा मेरे लिए बचा लेना,
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जो भी हों यार, बस प्रार्थना हैं उस रब से जिसने यह रिस्ता बनाया,
तेरे जैसा कमीना कोई दूसरा नहीं मिलाना।