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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Inspirational

सुंदरता के मायने

सुंदरता के मायने

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हाथों में किताब, आँखों में ख़्वाब रखते हों, 

चेहरे पर सादगी का रूमाल रखते हो। 


तुम चाहें कुछ भी पहनों, 

पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों।।


चलीं जब, क्या कमाल लगतें हो,

बैठों जब, बेमिसाल लगते हों।


सारे फूल तुम्हारे सामने हैं फीकें,

 तुम खूबसूरती का गुलाब लगते हो।।


 तुम चाहें कुछ भी पहनों, 

पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों।


बोलों जब मिठास झड़े जैसे, 

तुम शहद का मिज़ाज रखते हों।।


तुम व्याकरण हो मेरे शब्दों की,

तुम मेरे सभी प्रश्नों के जवाब लगते हो।


 पायी हैं सूरत के साथ सीरत की भी सुंदरता,

ज़्यादा न कहकर बस इतना कहूँगा।।


 तुम मुझे कमाल लगते हो।

 तुम चाहें कुछ भी पहनों, पर सूट सलवार में लाजवाब लगते हों।।


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