तेरी याद में भीगना ही था
तेरी याद में भीगना ही था
चांद के ओट से, हौले से ,चांदनी शर्माई है,
आसमां में चांद - तारों से भरी रात झांकती है ,
पेड़ों के झुरमुट से खुशबू यादों की चली आई है..!
आईने के अक्स में, तेरी ही सूरत छाई है,
पांव दौड़ते हैं, घटा जुल्फें खुली बड़ी हरजाई हैं,
अक्सर, तेरी याद में मेरे गेसुओं को उलझाई है.!
मेरे लबों में तेरे नाम का गीत गुनगुनाई है,
नज़रें उतर सीने में तुम्हें, बसाना चाहती हैं,
दिल ही दिल में यादें हमें यों जलाईं हैं ..!
तैराकर लहरें हमें, किनारे तक पहुंचाई हैं,
समुंदर में डूबकर इश्क से रश्क कराई हैं ,
तेरी याद, दरिया की तरह आंसू खूब बहाई हैं ..!
सच ..! आज, तेरी याद देखो चली आई है..!