तेरी अदा
तेरी अदा
प्रेम सी तूँ पवित्र है
निर्मल सा चरित्र है।
गंगा सी शीतलता
यमुना सी विरलता।
हर एक अदा में तेरे,है
गढ़ने वाले की कुशलता।
नज़र टिके तो टिकी रह जाए,
हर जगह बस तू ही नज़र आए।
एक बार तो तूँ मिल जाए,
छोड़ चाहे फिर दूर चल जाए।
होता नहीं मुझको यक़ीन,
आँखों को कर मेरे नमकीन।