तेरे रूप का सिंगार करूँ |
तेरे रूप का सिंगार करूँ |
तेरे रूप का सिंगार करूँ
तुझपे दिल निसार करूँ
आंखो मे काजल लगा दूँ
पांवो मे पायल पहना दूँ
तेरी बांहों दिल बहार कर दूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।
बाली तेरे कानों में पहनाऊंगा
कील हीरे की नाक में लगाऊँगा
तेरे दिल में जीवन गुजार सकूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।
चम चम बिंदिया लगाऊ माथे पे
खन खन कंगना पहनाऊ हाथों में
तू है मेरी यही विचार करूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।
काँच की चूड़िया कोमल कलाइयों में
सुन के खनके मेरी याद तन्हाइयों में
तेरी आंखो मे वीहार करूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।
माला फूल चम्पा गले में डालू मैं
काली जुल्फों फूल गजरा साजू मैं
हर गम तुझसे किनार करूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।
चाँद तारे सजा दूँ तेरी चुनरी में
तुझसे ही दिल लगाऊं ना दूसरी में
सुखी मैं तेरा संसार करूँ
तेरे रूप का सिंगार करूँ।