तेरे प्रेम में
तेरे प्रेम में
तेरे प्रेम में हूँ
और लग रहा है
इबादत कर रहा हूँ मैं
न कोई प्रार्थना
न कोई कामना
न कोई चाहत
सिवाय तुम्हारे प्रेम में
बने रहने की।
बदल दिया है हमने
तुम्हारे माथे की बिंदी का रंग
आंखों के काजल की धार
पकड़ा दिया है
तुम्हारे हाथ में
नये नये औजार
बना दिया है
एक नया देश तुम्हारे लिये।
लगा दिया है अदृश्य बाड़
देश की सीमाओं पर
आंतरिक शांति
और मानवीय आस्तित्व के लिये
बस एक सुंदर सा प्रवेश द्वार है
आने के लिये किसी को भी
इस देश में
और लिख भी दिया है
प्रवेश द्वार
पर प्रेम द्वार।
न कोई मजहब
न कोई नागरिकता
का पहचान पत्र
बस प्रेमऔर केवल
प्रेम ही अनुमन्य है
आने के लिये
तुम्हारे इस देश में।
सोच रहा हूँ अब कि
जब हम मिलेंगे
निर्धारित समय पर
तुम भी आ चुके होंगे
हमारे देश में
और मैं उपहार में दूंगा
वही पूरा देश तुम्हें
तुम्हारे प्रेम में।