तेरे इश्क में...
तेरे इश्क में...
साहिल अंजान...
कश्ती भी थी अंजान...
बेगाना यह तूफ़ान.....
होके मदहोश... लिए हसरत
ले रही इश्क आज अंगड़ाई
अंजान कश्ती छोड़ किनारा
बेगाने लहरों के पन्नो में
कहीं सिमट रही थी...।।
देख के यह....
हसरत- ए - इश्क के हूनर
में शख़्स बेगाना....
यादों के पलकों तले
बेवफा अक्स समेट रहा था ।।

