तू है राजा, मैं तेरी रानी
तू है राजा, मैं तेरी रानी
यहीं से शुरू,
हुई यह कहानी,
जहाँ पे तू है राजा,
और में तेरी रानी,
सुन मेरी सखी,
कैसी यह प्रेम कहानी।
जिस कहानी में,
मुश्किल में है राजा,
दो रानी रखने की,
मिली है उनको जो सज़ा।
किसको रखे,
किसको छोड़े,
इस बात पे हर,
कोई उनसे मुँह मोड़े।
मेरे सिवा कोई,
उनको न भाता,
पर कोई उन्हें,
समझ ना पता।
रानी तेरी यह,
पूछे बार-बार,
मेरे सवालों का,
उत्तर दे दो सरकार।
बोल मेरे राजा,
रानी हूँ तेरी,
की हूँ दासी,
बेवजह न बनूँ,
मैं लोगो की हँसी,
फिर खुदको ही,
पाओगे दोषी।
कहीं रूठ के मैं,
न चली जाऊँ,
लाख बुलाने पे भी,
मैं न आऊँ।
