STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

4  

सोनी गुप्ता

Abstract Romance

तेरा साथ

तेरा साथ

1 min
561

हंसता मुस्कुराता हुआ देखा तेरा चेहरा, 

उस पर सागर की बाहों का तेरा पहरा, 


प्रेम और सागर का मिलना एक सा है, 

वैसे ही हमारा प्यार धूप छांव जैसा है, 


रात के अंधेरे में भी दिन का उजाला है, 

तुम हो साथ मेरे तो दिन खुशियों वाला है, 


ना उदासियाँ और ना ही यहाँ कोई गम है, 

कितनी भी दूर रहें साथ तुम्हारा हर दम है, 


प्रीत लगी तुमसे तो मिलकर निभाना है, 

सागर की लहरों सा तुमसे मिल जाना हैI


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract