"तेरा जन्म सफल बना देगा वो।"
"तेरा जन्म सफल बना देगा वो।"
बिखरी हुई जिंदगी को फिर जिंदगी बनाता है वो।
बुझे हुए आशा के दीप को फिर जलाता है वो।
जो दूसरे के लिए जीते है जिंदगी,
उसकी जिन्दगी में फिर खुशियां भरता है वो।
जो दूसरों के लिए अपना जीवन न्यौछावर करता है,
उसकी जिन्दगी फिर जन्नत बनाता है वो।
जो दूसरों की राहों के कांटे दूर करता है,
उसकी राहों में फिर फूल बिछाता है वो।
अपनी छोड़कर जो दूसरों को फिक्र करता है,
फिर उसकी झोली खुशियों से भरता है वो।
जो दूसरों की जिन्दगी में रंग भरता है,
तो फिर उस का जीवन रंगीन बनाता है वो।
जो दूसरों के लिए दुआ करता है,
फिर उस की दुआ जल्द सुनता है वो।
जो दुख में औरों की मदद करता है,
फिर उस के लिए सुखों की बौछार करता है वो।
क्यू स्वार्थी बनता है बंदा तू ? क्यू सिर्फ अपने लिए जीता है तू ?
औरों का जीवन संवार के देख ,तेरा जीवन संवार देगा वो।
तेरा जन्म सफल बना देगा वो।