तेरा जिक्र...
तेरा जिक्र...
आयत मे एक नाम जुड़ा है
खुदा के लिये एक पैगाम जुड़ा है
शाम सवेरे अब होने लगे है तुमसे
अब तो हर धडकन मे तेरा जिक्र जुड़ा है
तुम बन गयी हो इस दिल की तम्मन्ना
भुल गया दुनिया सारी
बस तेरा आशिक है बनना
तेरे दर पर मेरी हर मंजिल का मुकाम जुड़ा है
शाम सवेरे अब होने लगे है तुमसे
अब तो हर धडकन मे तेरा जिक्र जुड़ा है।

