Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

4  

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Inspirational

तब समझो पर्व होली है

तब समझो पर्व होली है

1 min
188


सब हित मीत हमजोली हो

प्यार इश्क़ की  बोली  हो

ग़र मिल जाये भूले भटकें

तब समझो पर्व ये होली हो


उसे हर रंग गुलाल अबीर हो

सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो

हर गम से दूर , कबीर  हो

ख़ुशियों से भरा हर झोली हो

तब समझो पर्व ये होली हो


जब  मिटें  आग  विद्वेष हो

जग  लागे  अपना  देश हो

हर मूरत कान्हा का भेष हो

मचलता गोपियों की टोली हो

तब समझो पर्व ये होली हो


जब जग में कोई भी भूखा ना 

और खाये कोई भी रूखा ना

कोई भी किसी से रूठा ना

जब सबकी आँख मिचोली हो

तब समझो पर्व ये होली हो


जब  बहें प्यार की गंगा हो

सब तन मन से तो चंगा हो

और कहीं कोई ना दंगा हो

मिट जायें बम बारूद गोली हो

तब समझो पर्व ये होली हो ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational