स्वतंत्र
स्वतंत्र
डर कर सहम कर देख अपनी माताओं को,
वे वीर भारत को स्वतंत्र कराने लगे थे,
हटा दिया वीरों ने डर अपनी माताओं के हदय से,
और कर दिया भारत स्वतंत्र अपनी जान न्योछावर कर के।।
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।।
आज ये आजादी याद करती हैं उन्हें,
उनकी ही आत्म कथाओं से,
आज उनकी वीरांगना कर रही हैं सलाम उन
वीरों को,
जिनमे थे उनके भी प्राण हज़ारो में,
आखिर कर दिया भारत स्वतंत्र जान न्योछावर कर के।।
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।।
मिट्टी से लेकर आसमा की लाली तक,
आज औढ रखी हैं सुरक्षा की चादर हमने,
भटकता भिकारी भी स्वतंत्रता से मांग रहा हैं
जीवन दान अपने।
आखिर कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्योछावर कर के।।
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।।
देख हौसलों की ताकत ये,
आज गिद्ध गिद्ध हो उठा हैं उस,
शहीद का भी हदय,
आख़िद सपनो से जीतकर कर दिया
भारत स्वतंत्रत जान न्यौछावर कर के।।
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।।
देख हौसले उन वीरांगनाओं के,
हर औरत पहुँच गयी हैं अपनी
मंजिल की राह में,
छोड़ समाज को रच रही हैं,
इतिहास अपना, इस स्वतन्त्र भारत की किताबों में,
आखिर पंछी को उड़ता देख कर,
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।
कर दिया भारत स्वतन्त्र जान न्यौछावर कर के।।