" स्वस्थ बनें मस्तिष्क "
" स्वस्थ बनें मस्तिष्क "
कितना सुन्दर दृश्य है ,आओ आएं घूम
ताजा समीर बह रही , छोडो अपना रूम
छोडो अपना रूम , पक्षी भी चहचहा रहे
सरस बना यह गान,मधुर गीत उनका बहे
शुरू करो तुम योग,काम करो पुण्य जितना
स्वस्थ बने मस्तिष्क, दृश्य खास बना कितना!
