कितना सुन्दर दृश्य है ,आओ आएं घूम ताजा समीर बह रही , छोडो अपना रूम. कितना सुन्दर दृश्य है ,आओ आएं घूम ताजा समीर बह रही , छोडो अपना रूम.
दरबदर भटकती की एक नजर को , मंजिल-ऐ-कशिश का सहारा मिला । दरबदर भटकती की एक नजर को , मंजिल-ऐ-कशिश का सहारा मिला ।
मैं टूटा हुं, टूटा ही रहने दो, फिर से जुड़कर, टूटने की हिम्मत नही... मैं टूटा हुं, टूटा ही रहने दो, फिर से जुड़कर, टूटने की हिम्मत नही...