एक ही कमरे में बैठे बैठे हम सभी, मौहल्ले वासियों के चेहरे भी भूल गये हैं। एक ही कमरे में बैठे बैठे हम सभी, मौहल्ले वासियों के चेहरे भी भूल गये हैं।
कितना सुन्दर दृश्य है ,आओ आएं घूम ताजा समीर बह रही , छोडो अपना रूम. कितना सुन्दर दृश्य है ,आओ आएं घूम ताजा समीर बह रही , छोडो अपना रूम.
कहाँ सुंकू है इस दुनिया में, हस्ती में या कश्ती में ? कहाँ सुंकू है इस दुनिया में, हस्ती में या कश्ती में ?
सहज सरस बन बहे, सुहाती यह खूब हमें। सहज सरस बन बहे, सुहाती यह खूब हमें।
हमें बिन कोई तरस बड़े सरस से होली है, रंग बरसे, रंग बरसे हमें बिन कोई तरस बड़े सरस से होली है, रंग बरसे, रंग बरसे
राजनीति समालोचना विवादों के घेरे में ही घूमती रहती है ! राजनीति समालोचना विवादों के घेरे में ही घूमती रहती है !