स्वर्ण जयंती
स्वर्ण जयंती
स्वर्ण जयंती, ये स्वर्ण जयंती,
देश की आजादी की स्वर्ण जयंती।।
आज ही के दिन हम,
आजाद हुए थे।
फिरंगियों के चेहरे,
आज काले हुए थे।
ईश्वर ने हमको,
ऐसी दी थी शक्ति,
स्वर्ण जयंती---------------
आज पवन कैसी,
बह रही सुहावनी,
आकाश मेघ छाए,
कैसे श्रावणी,
आज प्रफुल्लित है,
यह सारी सृष्टि,
स्वर्ण जयंती-------------
एकता अखंडता बनाए रखेंगे,
देश की आजादी अक्षुण्ण रखेंगे,
हम सब में होगी अब ऐसी भक्ति।
स्वर्ण जयंती,ये स्वर्ण जयंती,
देश की आजादी की,
स्वर्ण जयंती।।