पथिक
पथिक
जन्म पुनर्जन्म का अविरत फेरा,
ये जीवन बंजारों का डेरा,
आज यहां, कल किधर कूच है,
कौन जाने कल कहां सवेरा
थकते कदम कहते राही
अब तो ठहर जा,
मंजिलें कहे पुकार के,
आजा तेरा इधर बसेरा।
जन्म पुनर्जन्म का अविरत फेरा,
ये जीवन बंजारों का डेरा,
आज यहां, कल किधर कूच है,
कौन जाने कल कहां सवेरा
थकते कदम कहते राही
अब तो ठहर जा,
मंजिलें कहे पुकार के,
आजा तेरा इधर बसेरा।