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manoj tandon

Abstract

3  

manoj tandon

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ए जिंदगी

ए जिंदगी

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आसमां की बुलंदियों को छूने की ख्वाइश तो बहुत थी ,                               

पर दूसरो के कंधे पे चढ़ने का हुनर जिंदगी सिखा ना पाई ,


हमसे कभी पूरी न हुई तालीम तेरी ऐ ज़िन्दगी,

शागिर्द बनना मंजूर नहीं, और उस्ताद बनना तू सिखा ना पाई,


अब क्या करूं तुझसे गिले शिकवे ए जिंदगी ,

कुछ हम ना कर पाए , कुछ तू ना कर पाई।


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